hindisamay head


अ+ अ-

कविता

रावण दहन

प्रतिभा गोटीवाले


चलो
तुम अपना मन
साफ करो
मैं अपना
जो भी निकलेगा
उसी से बनाएँगे
रावण इस बार...।


End Text   End Text    End Text